UPI के नए नियम 1 अगस्त 2025 से लागू: जानिए क्या बदल जाएगा और किस पर पड़ेगा असर

1 अगस्त 2025 से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से जुड़े कुछ नए नियम लागू हो जाएंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ये बदलाव डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और अधिक सुरक्षित, तेज़ और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किए हैं।

देश में UPI के बढ़ते उपयोग को देखते हुए यह कदम उठाया गया है, ताकि सर्वर पर बढ़ते लोड को कम किया जा सके और यूजर्स को बेहतर अनुभव मिल सके।

बदलाव क्यों किए जा रहे हैं?

NPCI के अनुसार, देशभर में तेजी से बढ़ते UPI लेनदेन के कारण नेटवर्क पर दबाव बढ़ रहा है, जिससे कभी-कभी सिस्टम स्लो हो जाता है या तकनीकी समस्याएं आती हैं। नए नियमों का उद्देश्य है:

  • सिस्टम की स्थिरता बढ़ाना
  • सुरक्षा में सुधार करना
  • ट्रांजैक्शन में देरी को कम करना
  • यूजर अनुभव को बेहतर बनाना

UPI के नए नियम: क्या-क्या बदल जाएगा?

1. बैलेंस चेक करने की सीमा तय

अब UPI ऐप के जरिए दिन में अनगिनत बार बैलेंस चेक नहीं किया जा सकेगा।

  • एक UPI ऐप में आप दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएंगे।
  • अगर आप दो अलग-अलग UPI ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो कुल मिलाकर 100 बार बैलेंस चेक कर सकेंगे।

2. ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करने का नया नियम

जब आप किसी लेनदेन का स्टेटस चेक करना चाहते हैं, तो अब इसमें थोड़ा इंतजार करना होगा।

  • अब आप लेनदेन शुरू होने के 90 सेकंड बाद ही उसका स्टेटस देख सकेंगे।
  • पहली API कॉल को कम से कम 90 सेकंड का इंतजार करना जरूरी होगा।

3. मोबाइल नंबर से लिंक बैंक अकाउंट्स देखने की सीमा

अब यह जानने की प्रक्रिया सीमित हो गई है कि आपके मोबाइल नंबर से कौन-कौन से बैंक खाते जुड़े हैं।

  • इस जानकारी को आप दिन में अधिकतम 25 बार ही देख सकेंगे।
  • इसके लिए आपको पहले बैंक का चयन करना होगा और अनुमति (approval) देनी होगी, तभी जानकारी मिलेगी।

किन यूजर्स पर होगा असर?

इन नए नियमों का असर उन यूजर्स पर अधिक पड़ेगा जो दिनभर में कई बार बैलेंस चेक करते हैं या बार-बार ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करते हैं।

हालांकि, जो लोग सामान्य तौर पर रोजमर्रा के लेनदेन (जैसे किराने का सामान, बिल पेमेंट आदि) करते हैं, उनके लिए यह बदलाव अधिकतर मामलों में असर नहीं डालेगा। उल्टा, उन्हें एक अधिक सुरक्षित और तेज़ डिजिटल पेमेंट अनुभव मिलेगा।

निष्कर्ष

UPI अब भारत के डिजिटल भुगतान का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। इन नए नियमों के जरिए NPCI इसे और अधिक सुरक्षित, स्थिर और उपयोगकर्ता अनुकूल बनाने की कोशिश कर रहा है। अगर आप UPI का नियमित और सामान्य उपयोग करते हैं, तो ये बदलाव आपके अनुभव को बेहतर ही बनाएंगे।

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